मालेगाँव विस्फोट मामले की मुख्य आरोपी साध्वी प्रज्ञासिंह की मुसीबत की घड़ी में उनकी एक पुरानी संगिनी साध्वी दिव्या गिरि ने भी उनके समर्थन में आवाज उठाई है।प्रज्ञा की गुरु भगिनी और लखनऊ के प्रतिष्ठित मनकामेश्वर शिव मंदिर की पहली महिला महंत साध्वी दिव्या गिरि ने उनके साथ सहानुभूति जताते हुए कहा कि प्रज्ञा को नाहक प्रताड़ित किया जा रहा है।
साध्वी दिव्या गिरि ने कहा कि आतंकवाद का कोई चेहरा नहीं होता। यदि कोई आतंकवाद का रास्ता पकड़ता है तो सबसे पहले उन कारणों का पता लगाया जाना चाहिए, जिनके चलते कोई इस रास्ते पर चलने को प्रेरित होता है और उसके बाद उन कारणों को दूर करने की ईमानदार कोशिश होनी चाहिए।उन्होंने कहा कि आतंकवाद जैसे मसलों पर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिशों के बजाय इनके पीछे के कारणों को दूर करने का प्रयास होना चाहिए।
वर्ष 2004 में उज्जैन में साध्वी प्रज्ञासिंह के साथ ही दीक्षा ग्रहण करने वाली साध्वी दिव्या गिरि ने कहा कि हालाँकि उनका साथ कोई बहुत लंबे दिनों तक नहीं रहा, मगर वे विश्वासपूर्वक यह कह सकती हैं कि साध्वी प्रज्ञासिंह बहुत ही विनम्र और जमीन से जुड़ी हुई हैं। वे किसी आतंकवादी घटना से जुड़ी हो सकती हैं, यह विश्वास कर पाना कठिन है।
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें