मालेगांव विस्फोट की असलियत आज नहीं तो कल सामने आ ही जाएगी। लेकिन इस मामले में पहले साध्वी प्रज्ञा भारती और फिर पीठाधीश्र्वर स्वामी अमृतानंद की गिरफ्तारी से संतों को गहरा सदमा लगा है। संत इसे कांग्रेस द्वारा मुसलमानों को खुश करने का चुनावी हथकंडा मानते हैं। जिसका खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ेगा। पूरे मामले के विरोध में 15 नवंबर को अयोध्या समेत देशभर में संत सभाएं होने जा रही हैं। इसमें हिंदुओं से संगठित होने का आह्वान किया जाएगा। राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपालदास का कहना है कि जब-जब चुनाव आते हैं, मुस्लिम वोट लोलुप दल कुर्सी बचाने के लिए घटिया हथकंडे अपनाने लगते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि शांत रहने वाले हिंदू इन सियासी साजिशों के खिलाफ यदि जाग उठे, तो देश को संभालना कठिन हो जाएगा। हरिद्वार के परमार्थ निकेतन आश्रम के अध्यक्ष स्वामी चिन्मयानंद का कहना है कि मुस्लिम वोटों के लालच में कांग्रेस देश में विभाजन से पहले जैसे हालात पैदा कर रही है। एक और विभाजन की पृष्ठभूमि तैयार की जा रही है। विस्फोट मामले से संतों को जोड़ना मुस्लिम आतंकवाद पर पर्दा डालने की घटिया साजिश है। इसका मुंहतोड़ जवाब देने के लिए संत-धर्माचार्य 15 नवंबर को दिल्ली में एकत्र हो रहे हैं। साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि जो लोग हिंदुओं की रक्षा में लगे हैं, उन्हें चुन-चुनकर निशाना बनाया जा रहा है, ताकि मुसलमान खुश हो जाएं।
गुरुवार, 13 नवंबर 2008
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