सोमवार, 22 दिसंबर 2008

अलकायदा का जेहादी बनाने का प्रशिक्षण जारी

आतंकवादी संगठन अलकायदा किशोरों को लड़ाकू बनाने का प्रशिक्षण दे रहा एक वीडियो फिल्म में किशोरों के एक समूह को लड़ाकू वर्दियाँ पहने कसरत करते हुए दिखाया गया है। फिल्म में युवा रस्से पर चढ़ते हुए करकश आवाज में अमेरिका, इंग्लैंड और उसके सहयोगी देशों के विनाश और इन देशों पर हमले करने तथा वहाँ की सम्पत्ति को नुकसान पहुँचाने वालों को पुरस्कृत करने की बात कर रहे हैं। पूरी फिल्म देखने के बावजूद यह पता नहीं चल सका कि इसे कहाँ फिल्माया गया।

लड़ाकुओं की मदद करने का युवाओं से आग्रह करते हुए किशोर कह रहे हैं कि जेहादियों से अल्लाह खुश होगा। पीले, हरे रंग की वर्दी पहने ये युवा किस देश के हैं, यह पता नहीं चल सका है। हालाँकि ऐसी खबरें हैं कि आतंकवादी गतिविधियों में शरीक होने के लिए इंग्लैंड से लौटे ये युवा पाकिस्तान मूल के हैं और यार्कशायर क्षेत्र में जन्में और पले-बढ़े हैं।ऐसा माना जा रहा है कि तालिबान और अन्य सशस्त्र समूह जिनमें हिज्बे, इस्लामी तथा अलकायदा भी शामिल है, पाकिस्तान के आदिवासी इलाकों में पुनः संगठित तथा हथियारों से लैस हो रहे हैं। खुफिया रिपोर्ट के अनुसार ये आतंकी संगठन किशोरों को जेहाद के लिए भर्ती कर रहे हैं और इनका प्रशिक्षण अधिकतर मदरसों में हो रहा है।

कई क्षेत्रों में मदरसे पब्लिक स्कूलों के विकल्प के रूप में संचालित होते हैं और जो लोग निजी स्कूलों का खर्च वहन नहीं कर पाते, वे अपने बच्चों को मदरसों में भेजते हैं। मदरसों में धार्मिक शिक्षा भी दी जाती है। रिपोर्ट बताती है कुछ मदरसों में युवाओं को धार्मिक कट्टरता की घुट्टी पिलायी जाती है। उनकी मनःस्थिति अपने मुताबिक बनाने के बाद उन्हें आतंकवाद का प्रशिक्षण दिया जाता है।एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तानी के कबाइली इलाकों से तालिबानी समर्थक 11 से 15 वर्ष तक की आयु के बच्चों को स्कूलों से ले जाते हैं और उन्हें अफगानिस्तान में फिदायीन बनने का प्रशिक्षण देते हैं। पाकिस्तान के पश्चिमोत्तर सीमांत प्रांत के डेरा इस्माइल खाँ में एक किशोर के सितंबर 2007 में बम से खुद को उड़ा देने से 17 लोग मारे गए थे। इस्लामाबाद स्थित लाल मस्जिद में अनेक फिदायीन किशोरों को गिरफ्तार किया गया था। वे हथियारों का इस्तेमाल करते थे और उन्हें लाते एवं ले जाते थे। एक राष्ट्रीय बाल अधिकार संगठन ने जुलाई 2007 में बच्चों को आतंकवादी गतिविधियों के लिए तैयार करने पर गहरी चिंता व्यक्त की थी।

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