इजरायल की वायु सेना ने गाजा पट्टी में एक इस्लामिक विश्वविद्यालय और हमास के कार्यालय पर ताज़ा हवाई हमले किए हैं। इजरायली लड़ाकु विमानों ने लगातार गाजा पट्टी में जमकर बमबारी की। 1967 के बाद इजरायल की ओर से किया गया ये सबसे बड़ा हमला है जिसमें 286 फिलस्तीनी मारे गए हैं और 800 से भी ज्यादा घायल हुए हैं। इजरायल ने गाजा से हमास को उखाड़ फेंकने तक कार्रवाई जारी रखने की बात कही है। वहीं हमास ने भी बदला लेने की बात की है।
जहां एक ओर इजरायल द्वारा गाजा में हमास ठिकानों पर हवाई हमले जारी हैं वहीं इसके द्वारा जमीनी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। गाजा के अस्पताल बड़ी संख्या में मृतकों और घायलों की संख्या को देखते हुए संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं। आवश्यक जरूरी चीजों की कमी ने स्थिति को और विषम बना दिया है। इस बीच पश्चिम एशिया के विभिन्न शहरों में इन हमलों के विरोध में प्रदर्शन हुए हैं और फिलीस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने इस स्थिति के लिए हमास को भी जिम्मेदार ठहराया है।
इजरायल का कहना है कि वो गाजा पट्टी से लगातार हो रहे हवाई हमलों को रोकने के लिए ज़मीनी कार्रवाई भी कर सकते हैं और ख़बरों के अनुसार इजरायल ने क़रीब साढे छह हज़ार रिज़र्व सैनिकों को काम पर बुलाया है।हवाई हमले अभी भी जारी हैं, जिनमें अब तक गाजा शहर की एक मस्जिद नष्ट हो गई है और दो व्यक्ति मारे गए हैं। इजरायल ने कहा है कि मस्जिद का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों के अड्डे के रूप में किया जाता था। इजरायल के प्रतिरक्षा मंत्री ने चेतावनी दी है कि आवश्यकतानुसार हमले बढ़ाए भी जा सकते हैं। थल सेना से हमला किये जाने की संभावना में अतिरिक्त सैनिक गाजा सीमा पर भेज दिए गए हैं ।हमस ने इन हमलों का बदला रौकेट और आत्मघाती हमलों से लेने का प्रण किया है। फ़िलिस्तीनी आतंकवादियो ने दक्षिणी इजरायल पर पचास से अधिक रौकेट दाग़े जिससे एक व्यक्ति मारा गया ।
विदेश मंत्री ज़िपी लिवनी ने साफ़ कर दिया है कि इजरायल ये हमले आत्मरक्षा में कर रहा है और ये एक सफल अभियान की शुरुआत। इस्लामिक आतंकवादी गुट हमास के कई कार्यकर्ता इसी विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं। इससे पहले इजरायल ने दक्षिणी गाजा पट्टी में आपूर्ति सुरंगों को भी निशाना बनाया। इजरायल के अनुसार फिलिस्तिनी इस रास्ते के ज़रिए भोजन के अलावा हथियारों की तस्करी करते थे। राष्ट्रसंघ सुरक्षा परिषद ने इजरायल से गाजा पट्टी में चल रही हिंसा तत्काल रोकने का आह्वान किया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने गजा पट्टी में सैन्य कार्रवाई तुरंत रोकने को कहा है।
गाजा पर इजरायली हवाई हमलों में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि ध्वस्त इमारतों के मलवों के नीचे लोगों की दबे होने की आंशका है। गाजा पट्टी में रोक के कारण पहले से ही तंगी से जुझ रहे अस्पतालों के संसाधन घायलों के इलाज के लिए नाकाफी साबित हो रहे है जिनमें महिलाएं और बच्चें भी शामिल है। पयवेक्षकों का कहना है इजरायल और हमास के इस संघर्ष का असली शिकार गाजा का आम आदमी है और इसके हित में इस समस्या का राजनीतिक हल तत्काल खोजा जाना चाहिए।
इजरायल के रक्षा मंत्री एहुद बराक ने चेतावनी दी है कि हवाई हमलों के बाद गजा पट्टी में जमीनी कार्रवाई भी हो सकती है। इन हमलों पर साझा दृष्टिकोण तय करने के लिए अरब देशों के विदेश मंत्रियों की आज काहिरा में आपात बैठक हो रही है। उधर गजा पट्टी पर इजरायली हमलों के विरोध में एक रैली आयोजित की गयी रैली को संबोधित करते हुए ईरानी संसद मजलिस के स्पीकर अली लरीजानी ने कहा है कि गाजा मुद्दे पर चर्चा के लिये एशियन पार्लियामेंट एसेंबली आपात बैठक करेगा।राष्ट्रसंघ सुरक्षा परिषद की बारी बारी से अध्यक्षता प्राप्त करने वाले देशों में इस बार के देश क्रोयशिया के राजदूत नेवेन जूरिका ने दोनों पक्षों से हिंसा समाप्त करने का आह्वान किया। इजरायली युद्धक विमानों ने गाजा आतंकवादी दल के चालीस से अधिक सैनिक प्रतिष्ठानों को नष्ट कर दिया था, साथ ही उस कैंपस पर भी हमला किया था जहां हमस द्वारा भर्ती किए गए नए जवानों का दीक्षांत समारोह चल रहा था
रविवार, 28 दिसंबर 2008
गाजा पट्टी पर इजरायली हमले जारी
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