दक्षिण अफ्रीका में भारतीय नर्सों ने बिंदी, मंगलसूत्र और नथ पहनने की लड़ाई जीत ली है। दक्षिण अफ्रीका के अस्पतालों में काम करने वाली हिंदू महिलाओं को किसी तरह का धार्मिक चिन्ह पहनने से रोक दिया गया था जिसका उन्होंने पुरजोर विरोध किया था।
क्वाजुलु नाटाल प्रांत की स्वास्थ्य मंत्री पेगी कोनेनी ने घोषणा की है कि "विवाहित हिंदू महिलाएँ ड्यूटी के दौरान भी मंगलसूत्र, नथ पहनने और बिंदी लगाने के लिए स्वतंत्र हैं।"
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, "बिंदी हिंदू महिला के शादीशुदा होने का प्रतीक है जिसका हम सम्मान करते हैं, ठीक उसी तरह जैसे शादी की अंगूठी को जिस तरह मान्यता हासिल है वैसे ही हिंदू महिलाओं की बिंदी को भी होनी चाहिए।"
सबसे पहले सरकारी एडिंगनटन अस्पताल ने नर्सों को ड्यूटी के दौरान बिंदी, मंगलसूत्र और नथ पहनने से रोक दिया था। मामले ने तूल पकड़ा, नर्सों ने इसका विरोध किया और फिर स्वास्थ्य मंत्री को मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा। इस फैसले को लागू करने वालों का कहना था कि ऐसा करने का मकसद संक्रमण को रोकना था।
इस निर्णय के बाद अफ्रीकी तमिल फेडरेशन और दक्षिण अफ्रीकी हिंदू सभा जैसे संगठनों ने इस मुद्दे पर बड़ा अभियान चलाया था। तमिल फेडरेशन ने इस कदम को 'हिंदू धर्म का मजाक और अपमान' बताया था। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि कोई भी सरकारी विभाग किसी धर्म विशेष के व्यक्तियों के लिए अलग मानदंड लागू नहीं कर सकता।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, "जब महिलाएँ अपने पूरे चेहरे पर पाउडर और लिपस्टिक लगाती हैं तो हमें कोई एतराज नहीं होता लेकिन एक छोटी सी बिंदी पर आपत्ति होती है, यह कहीं से न्यायसंगत नहीं था।" दक्षिण अफ्रीका के हिंदू संगठनों और भारतीय मूल की नर्सों ने इस फैसले का स्वागत किया है।
सोमवार, 29 दिसंबर 2008
बिंदी पर लगी पाबंदी अब हटी
प्रस्तुतकर्ता hindu tiger पर 2:04 am
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