लड़कियों के स्कूल जाने पर प्रतिबंध लगाने के बाद तालिबान ने अपने प्रभाव वाले पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी सीमांत प्रांत में एक नया फरमान जारी किया है। संगठन ने लोगों को उनकी बेटियों की शादी आतंकियों से करने का आदेश दिया है। ऐसा न करने वालों को भयानक परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहने की धमकी भी दी गई है। मस्जिदों से घोषणाएं कर इस अभियान को गति दी जा रही है।
हाल ही में कुछ पीड़ित महिलाओं ने उग्रवादियों का फरमान मानने के बजाय प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई। इसके बाद ही ऐसे मामले सामने आए। पेशावर में एक प्राइमरी स्कूल की टीचर सलमा ने एक अखबार को बताया कि तालिबान ने लोगों को मस्जिदों में यह घोषणा करने के लिए कहा है कि क्या उनके यहां अविवाहित लड़कियां हैं ? ऐसा होने पर उनका निकाह किया जा सकेगा। उन लड़कियों का निकाह उग्रवादियों से होगा।
अखबार में 30 वर्षीय सलमा के हवाले से कहा गया है कि सीधे तौर पर न मानने की स्थिति में लड़कियों का जबरन निकाह कराया जाएगा। सलमा ने बताया कि स्वात घाटी में तालिबान ने महिलाओं को धमकी दी है कि अगर वह अपने घरों के बाहर बिना पहचान पत्र या पुरुष रिश्तेदार के बिना पाई गईं , तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतना पड़ेगा। इस बीच सरकार द्वारा शुरू किए गए राहत कार्यक्रम में महिलाओं के रजिस्ट्रेशन कराने पर तालिबान ने शुक्रवार को रोक लगा दी और पाकिस्तान के अशांत उत्तरी वजीरिस्तान कबायली इलाके में सह-शिक्षा वाले स्कूलों को पांच जनवरी तक बंद करने का निर्देश दिए।
शुक्रवार के नमाज के बाद इलाके के सभी मस्जिदों के मौलवियों ने इस संबंध में घोषणा की। केंद्रीय जामिया मस्जिद के मौलवी कारी रोमन ने तालिबान के निर्णय को पढ़कर सुनाया। कुछ मौलवियों ने तालिबान के हाफिज बहादर गुट के हवाले से कहा कि सरकार द्वारा गरीब महिलाओं के लिए शुरू किया गया बेनजीर आय सहायता कार्यक्रम के फॉर्म को राष्ट्रीय पहचान कार्ड के आधार पर भरा जा रहा है और कार्ड में फोटो लगे हुए हैं। तालिबान ने कहा कि यह महिलाओं का अपमान है और उन्हें कार्यक्रम के लिए पंजीकरण नहीं कराना चाहिए।
सोमवार, 12 जनवरी 2009
अपनी बेटियों की शादी आतंकियों से करो वरना!
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